उमंग (Umang)
हौसलों में आज अपनें, एक जोशीला, उत्साह हो रहा है।
जज़्बों में आज अपनें, नई ऊर्जा का परवाह हो रहा है।।
सूरज की इस किरण ने, एक उमंग सी बांध दी है।
कुछ कर दिखाने की, एक तरंग सी बांध दी है।।
दिन है आज मेरा, आज विजय का पताका फहराना है।
मंज़िल पर पहुंच, झंड़ा अपने नाम का लहराना है।।
हार हो गई थी भले...
जज़्बों में आज अपनें, नई ऊर्जा का परवाह हो रहा है।।
सूरज की इस किरण ने, एक उमंग सी बांध दी है।
कुछ कर दिखाने की, एक तरंग सी बांध दी है।।
दिन है आज मेरा, आज विजय का पताका फहराना है।
मंज़िल पर पहुंच, झंड़ा अपने नाम का लहराना है।।
हार हो गई थी भले...