...

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सोचो ज़रा....🤔
कभी सोचो बैठ कर की ,
ये बढ़ती उम्र की अभिलाषा क्या है ?
कभी सोचो बैठ कर की ,
ये उलझे हुए मन की भाषा क्या है ?

फुर्सत मिले तो सोचो तुम,
जो कर रहे हो क्या वो सही है |
जो पाने की चाहत है तुम्हारी,
मेहनत से मिलता ,क्या वो नही है ?

एक दिन यूँ ही जब खुदा से पूछा मैंने ,
की ये मेरे अंदर कैसा चल रहा शोर है|
हँसकर कर बोले पहले तेरी चाहत कुछ ओर थी
और अब तेरा रास्ता कुछ और है ।

@_संजू_कुशवाहा ✍️







© @__Dil _ki_baate_