मुझे नही पता
मुझे नही पता मै कैसे और क्या?
लिखूंगी , पर एक बात कहूं कोशिश
जरूर करूंगी , लोग कहते हैं
देखा तुमको तुम नादान लगी,
जैसे खुली किताब लगी , पर जब
तुम्हे समझा तो पाया तुमने ना
जाने कितना कुछ खुद मे छुपाए
रखा है, जैसे सागर ने खुद मे...
लिखूंगी , पर एक बात कहूं कोशिश
जरूर करूंगी , लोग कहते हैं
देखा तुमको तुम नादान लगी,
जैसे खुली किताब लगी , पर जब
तुम्हे समझा तो पाया तुमने ना
जाने कितना कुछ खुद मे छुपाए
रखा है, जैसे सागर ने खुद मे...