...

3 views

समय
समय हर रोज़ बदल रहा है
इसका हाल हमें खल रहा है
मगर इसकी ही गति के संग
हर इंसान आज चल रहा है।

जैसे छोटा बच्चा जवान हो रहा है
कमज़ोर कोई पहलवान हो रहा है
किसी बुज़ुर्ग का स्वर्गवास हो चला
तो कोई गरीब धनवान हो रहा है।

तो समय हर रोज़ बस चल ही रहा है
पर मन में एक ख़्वाब पल ही रहा है
हमें पता है कि ये समय बलवान है
मगर ये इंसान अभी संभल ही रहा है ।

Smriti Trivedy
© All Rights Reserved