बदलती हुई जिदंगी...
टूटा जो तालुक उनसे मेरा
मैं हर गमों से वाक़िफ़ हो गई
पीकर अपने आंसुओं को
जीने की नई सलीका सिख गई
मरहम की तलाश में था दिल
मैंने उन जख्मों पर पट्टी...
मैं हर गमों से वाक़िफ़ हो गई
पीकर अपने आंसुओं को
जीने की नई सलीका सिख गई
मरहम की तलाश में था दिल
मैंने उन जख्मों पर पट्टी...