स्वेच्छा से..
रोज़ सुबह
सजती सँवरती है प्रकृति
स्वेच्छा से..
बिन पूछे बिन कहे
किसी को रिझाने को नहीं,
बल्कि...
सजती सँवरती है प्रकृति
स्वेच्छा से..
बिन पूछे बिन कहे
किसी को रिझाने को नहीं,
बल्कि...