...

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साहस की चिंगारी
उलझनों की भीड़ है,
ये है गमों का रास्ता,
इस जहां में किसी का
किसी से नहीं है वास्ता,

कुछ क्षण के ये अपने हैं,
झिलमिलाते से सपने हैं,
बनकर दर्द का सबब,
टूट जाएंगे एक दिन ये सब,

हर पल गमों की पीड़ में,
कांटों भरे इस नीड़ में,
हम होश गंवाकर बैठे है,
झूठे मद में कुछ यूँ ऐंठें हैं,

ये साहस छोटी-सी एक चिंगारी है,
जो गहरे तिमिर पर भारी है,
सबके अंतस की है आस यही,
उम्मीद यही विश्वास यही।

© Anirya