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मेरे सपने

मेरे सपने जिनसे मेरी सारी खुशियाँ हैं
ये प्रकृति मेरी प्यारी दोस्त
इसके हर श्रृंगार को आँखों से देखूँ ये चाहत है
इसके पहाड़ बुलाते
कि छू लूँ उन्हें
जाऊँगी जब उनके पास
बादल भी आयेगा मिलने
उसके कंधों पर बैठ ...