लक्ष्मीबाई
मची थी हाहाकार,
जब आयी लक्ष्मी उस पार,
दुश्मन सहित कुरुक्षेत्र के,
कणों ने भी की जयजयकार।
जब आयी लक्ष्मी उस पार,
चमक उठी तलवार की धार,
अंग्रेजो सहित सबने कर ली,
अपनी हार स्वीकार।
तोड़ी गुलामी की अटूट दीवार,
शंखनाद के स्वरों से,
हुयी...
जब आयी लक्ष्मी उस पार,
दुश्मन सहित कुरुक्षेत्र के,
कणों ने भी की जयजयकार।
जब आयी लक्ष्मी उस पार,
चमक उठी तलवार की धार,
अंग्रेजो सहित सबने कर ली,
अपनी हार स्वीकार।
तोड़ी गुलामी की अटूट दीवार,
शंखनाद के स्वरों से,
हुयी...