गुलाब
#RoseDay #RoseDay🌹
कली सी नाजुक मैं,
आज फूल बन खिल जाऊ,
पत्तों की मैं गोदी में झूला झूलू।
सजती रहु यूंही;
अलग अलग रंगों का श्रृंगार करु,
अपनी खुशबू से हर घर आंगन महका करू।
कभी किसी के किताब कि शोभा बनू,
कभी किसी के चेहरे...
कली सी नाजुक मैं,
आज फूल बन खिल जाऊ,
पत्तों की मैं गोदी में झूला झूलू।
सजती रहु यूंही;
अलग अलग रंगों का श्रृंगार करु,
अपनी खुशबू से हर घर आंगन महका करू।
कभी किसी के किताब कि शोभा बनू,
कभी किसी के चेहरे...