स्वरविस्तार
सांसों में घुलता हौले से,
एक राग सुना मैंने,
घुंघरू की छन-छन सा बजता,
एक साज़ सुना मैंने,
खुशबू सी हवा में बिखरी तो,
एक आगाज़ सुना मैंने,
तेरे-मेरे मिलन का अनकहा सा,
एक पैग़ाम सुना मैंने,
जिन रास्तों पे संग चलते-चलते,
एक सवाल किया था मैंने,
बारिश की बूंदों...
एक राग सुना मैंने,
घुंघरू की छन-छन सा बजता,
एक साज़ सुना मैंने,
खुशबू सी हवा में बिखरी तो,
एक आगाज़ सुना मैंने,
तेरे-मेरे मिलन का अनकहा सा,
एक पैग़ाम सुना मैंने,
जिन रास्तों पे संग चलते-चलते,
एक सवाल किया था मैंने,
बारिश की बूंदों...