एक कली....
एक सरल सी एक कहानी थी,
एक कली के दिल की जुबानी थी।
सपने जिसने पिरोए थे ,
महकेगी ख्वाब सजोए थे।
मां – बाप बने जो डाली तने
हर मौसम वो थे साथ खड़े।
चली थी उनके सिद्धांतों पर
महक चहक रहूंगी हर रंगों पर।
कोमलता – सुंदरता होगी मेरी पहचान
जिसपे सजू बन जाऊ उसका सम्मान...
एक कली के दिल की जुबानी थी।
सपने जिसने पिरोए थे ,
महकेगी ख्वाब सजोए थे।
मां – बाप बने जो डाली तने
हर मौसम वो थे साथ खड़े।
चली थी उनके सिद्धांतों पर
महक चहक रहूंगी हर रंगों पर।
कोमलता – सुंदरता होगी मेरी पहचान
जिसपे सजू बन जाऊ उसका सम्मान...