...

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सब कुछ है तूम्हारे अंदर बाहर क्या तक रहे
सुकून की तलाश में जो तुम हो भटक ​​रहे
वो है तुम्हारे अंदर ही बाहर क्या तक रहे ?

क्यू ढूंढते हो तुम मुस्कुराने का जरिया ,
अपने खुद के अंदर झाक के देख
सब है तुम्हारे पास तो बाहर क्या तक रहे?

मिल जाएगा तुमको तुम्हारी ख़ुशी,
जरा खुद को खुद से समझ के देख
सब है तुम्हारे अन्दर बाहर क्या ढूंढ रहे?

छोड़ दे तू शिकायते लोगो से ,
खुद से खुद की शिकायतों को दूर कर के देख,
सब कुछ तुम्हारे अंदर ही बाहर क्या तक रहे?

मिल जाएगा तुझे सुकून खुद में खुद से झाक के देख
सब कुछ है तूम्हारे अंदर बाहर क्या तक रहे ?

© miss pandey