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सर्द मौसम।
दर्द है मेरे तन में, उसपर,
मन भी थोड़ा विचलित है।
शक्श नही है कोई लेकिन,
याददाश्त ने किया विस्मित है।
सर्द है मौसम, धुंद पड़ी है,
ऋतु भी लगती, अस्वस्थ है।
सुस्त पड़ी है, मंडी क्यों जाने,
चाय की चुस्की लगे रूखी है।
© All Rights Reserved
मन भी थोड़ा विचलित है।
शक्श नही है कोई लेकिन,
याददाश्त ने किया विस्मित है।
सर्द है मौसम, धुंद पड़ी है,
ऋतु भी लगती, अस्वस्थ है।
सुस्त पड़ी है, मंडी क्यों जाने,
चाय की चुस्की लगे रूखी है।
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