दोहे
अपनी अपनी सोच है ,अपना अपना ज्ञान।
दूजे को मूरख समझ,मत करना अपमान।।
अपनी अपनी सोच...
दूजे को मूरख समझ,मत करना अपमान।।
अपनी अपनी सोच...