सबेरे -सबेरे-विजय कुमार पाण्डेय
ग़ज़ल
करो सूर्य दर्शन सबेरे - सबेरे।
बढ़े ओज तन - मन सबेरे - सबेरे ।
करो कुछ भी पर मत आलस बढ़ाओ
करो दंत - मंजन सबेरे - सबेरे,
तुम्हे जिंदगी अगर...
करो सूर्य दर्शन सबेरे - सबेरे।
बढ़े ओज तन - मन सबेरे - सबेरे ।
करो कुछ भी पर मत आलस बढ़ाओ
करो दंत - मंजन सबेरे - सबेरे,
तुम्हे जिंदगी अगर...