पति पत्नी
चाहते है,जो पति घर का भट्टा बैठाना ,
मानते नहीं, कभी पत्नी का कहना,
उन्हें लगता, अजी
इनकी तो रोज-रोज की चिक चिक है।
महत्व क्यों दे उनकी बातों को।
आखिर घर तो चलता है,
मेरे ही कमाई की बदौलत।
अगर यह कमाती भी है,
तो उतने में तो उनके शौक ही पूरे नहीं होते।
यह हम पर निर्भर है,
ना कि हम इन पर निर्भर हैं।
तो इनकी अकड़...
मानते नहीं, कभी पत्नी का कहना,
उन्हें लगता, अजी
इनकी तो रोज-रोज की चिक चिक है।
महत्व क्यों दे उनकी बातों को।
आखिर घर तो चलता है,
मेरे ही कमाई की बदौलत।
अगर यह कमाती भी है,
तो उतने में तो उनके शौक ही पूरे नहीं होते।
यह हम पर निर्भर है,
ना कि हम इन पर निर्भर हैं।
तो इनकी अकड़...