...

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प्रेम-परिचय
यदि प्रेम करना चुनाव है ,
है विकल्प या प्राथमिकता
तब क्या ऐसा प्रेम व्यापार नही ....?
कटु प्रश्न नही,बस है अन्तःकरण की जिजीविषा
यदि प्रेम है क्षण निहित
तब फिर
क्या भविष्य है उस प्रेम -मिथ्या
आकर्षण मात्र का
ना मिथ्या ना आकर्षण ही तब फिर क्या परिचय होगा प्रेम -अस्तित्व , भाव और प्रेम पात्र का


मीनाक्षी__मीशा ✒️

© Meenakshi ___ मीशा✒️