तऩहाईं में
तुम हमेशा हमें
याद करती हो
तनहाईं में
मगर हमें हरवक्त
आपकी याद रहती हैं
जब
खिली खिली सी
सुबह होती हैं
खुला आसम़ान
खिलें खिलें से फुल
मेंहकतें बगिचें
मौसम आशिकाना
जब
सुस्त दोपह़र होती हैं
आँखें मुंदी-मुंदी सी
अजीब सी उदासी में
जीवन नीरस लगता हैं
जब
...
याद करती हो
तनहाईं में
मगर हमें हरवक्त
आपकी याद रहती हैं
जब
खिली खिली सी
सुबह होती हैं
खुला आसम़ान
खिलें खिलें से फुल
मेंहकतें बगिचें
मौसम आशिकाना
जब
सुस्त दोपह़र होती हैं
आँखें मुंदी-मुंदी सी
अजीब सी उदासी में
जीवन नीरस लगता हैं
जब
...