आसमानी महोब्बत
कुछ टुकड़े आसमां से तोड़ लाऊँ।
कुछ तारे जमीं पर बिछा दुँ आज।
तुम बस चाँद बन कर आ जाना।
आज आसमानी महोब्बत करेंगे।
कुछ तो गुलजार हो जाए ये जमीं।
तुम वफ़ा ए महोब्बत बन के आ जाना।
✍️©️ranjitsingh
© ranjitsingh
कुछ तारे जमीं पर बिछा दुँ आज।
तुम बस चाँद बन कर आ जाना।
आज आसमानी महोब्बत करेंगे।
कुछ तो गुलजार हो जाए ये जमीं।
तुम वफ़ा ए महोब्बत बन के आ जाना।
✍️©️ranjitsingh
© ranjitsingh