तुम्हें करके दूर...
तुम्हें करके दूर खुद से खुदको खो दिया मैंने
महफिल में होकर , खुद को तन्हा पाया मैंने...
माचिस की तीलियों से घरौंदा बनाया मैंने
ग़म के कोहरे में, तेरे तसव्वर को पाया मैंने...
वीराने में मोहब्बत की लौ को जलाया था मैंने
फ़क़त मोहब्बत कर के बेवफा को पाया मैंने...
© Shalini Saklani ✍️ shaivali