तेरा साथ
कहने क़ो तो कोई साथ नहींबस दूरिया है
जिसके दरम्या केवल मजबूरिया है
पर गुरुर है तुझसे मेरा नाज़ है तू
कल की नहीं खबर मेरा आज है तू
ना खबर की कैसे तय किया सासो तक
का सफर वतेरा सफर तो एक राज है तू
ज़ब जिंदगी से हारे तो तूने दिये सहारे
ज़ब तन्हाई हो तो तु ही पुकारे
जन्मों लग जाता जिसे जीने मे
वो ज़िन्दगी कुछ पलो मे हमने गुजारें
प्यार कहु पूजा या हमसफ़र कहु
पाके तुझे भला कैसे अकेले रहु
जीते है जिसे हर पल उसे कैसे सपना कहे
हकीकत की दुनिया मे कैसे तुझे अपना कहे
ना रह सकते दूर तुझसे ये जान ले तू
तू ही मेरी दुनिया है मुस्कुराहटो की...
जिसके दरम्या केवल मजबूरिया है
पर गुरुर है तुझसे मेरा नाज़ है तू
कल की नहीं खबर मेरा आज है तू
ना खबर की कैसे तय किया सासो तक
का सफर वतेरा सफर तो एक राज है तू
ज़ब जिंदगी से हारे तो तूने दिये सहारे
ज़ब तन्हाई हो तो तु ही पुकारे
जन्मों लग जाता जिसे जीने मे
वो ज़िन्दगी कुछ पलो मे हमने गुजारें
प्यार कहु पूजा या हमसफ़र कहु
पाके तुझे भला कैसे अकेले रहु
जीते है जिसे हर पल उसे कैसे सपना कहे
हकीकत की दुनिया मे कैसे तुझे अपना कहे
ना रह सकते दूर तुझसे ये जान ले तू
तू ही मेरी दुनिया है मुस्कुराहटो की...