...

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तेरा साथ
कहने क़ो तो कोई साथ नहींबस दूरिया है
जिसके दरम्या केवल मजबूरिया है

पर गुरुर है तुझसे मेरा नाज़ है तू
कल की नहीं खबर मेरा आज है तू

ना खबर की कैसे तय किया सासो तक
का सफर वतेरा सफर तो एक राज है तू

ज़ब जिंदगी से हारे तो तूने दिये सहारे
ज़ब तन्हाई हो तो तु ही पुकारे

जन्मों लग जाता जिसे जीने मे
वो ज़िन्दगी कुछ पलो मे हमने गुजारें

प्यार कहु पूजा या हमसफ़र कहु
पाके तुझे भला कैसे अकेले रहु

जीते है जिसे हर पल उसे कैसे सपना कहे
हकीकत की दुनिया मे कैसे तुझे अपना कहे

ना रह सकते दूर तुझसे ये जान ले तू
तू ही मेरी दुनिया है मुस्कुराहटो की मान ले तू

चुपके से आये थे इस दिल के कोने मे
ऐसे बसे सासो मे की डर लगता सोने मे

अनजाना सा रिस्ता इतना खास बन गया
तू नहीं फ़िरभी तुझसे ही हर आस बन गया

ना रिस्तो का बंधन है ना रस्मो का डोर है
फ़िरभी ज़िन्दगी के हर कदम तेरी ओर है

ना पाने की और कुछ चाहत रही ना कोई आस
हर दुआ कबूल हुई जबसे तू है मेरे पास

कहने क़ो तो पाया ही नहीं तुझे
पर जो मिला उससे नहीं ज्यादा चाहिए मुझे

तेरा साथ तपती धुप मे छाव है
तन्हाई मे पूरा भरा एक गाँव है

कभी हिम्मत बने कभी आँसू पोछे
बोलो कैसे रहु बीना तुझे सोचे

रुलाया भी बहुत हसाया भी बहुत
अपने दिल की सारी मोहब्बत लुटाया भी बहुत

जाने कैसा नाता है एहसास की खबर रहती
दर्द ज़ब भी तुझे हुआ मुझे एहसास रहती

सालो के सफर मे नाता जन्मों का पाया है
ज़िन्दगी मे पहली बार कोई सासो मे समाया है

हर दुआ मे सामिल हो धड़कनो मे तेरा आना जाना है
ज़िंदा रहना जरूरी है इसलिए तुझे याद करना बहाना है