नज़्म
नज़्म
किसी के हिस्से में जुदाई
किसी के हिस्से में मोहब्बत आ गयी,
हम अलग थे थोड़े हमारे
हिस्से में जिम्मेदारी आ गयी।
सुना हमने भी की आज महफिल
...
किसी के हिस्से में जुदाई
किसी के हिस्से में मोहब्बत आ गयी,
हम अलग थे थोड़े हमारे
हिस्से में जिम्मेदारी आ गयी।
सुना हमने भी की आज महफिल
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