जिम्मेदारियाँ
हो सकता है, तेरे समझ से… रहे होंगे हम कोषो मिलो दूर!
पर तेरे यकीन से, नहीं रख सकते… कभी कोई फासला;
हो सकता है, तेरे नखरों से… होंगे नशे में कई दिवाने चूर!
पर सिवाए तेरे फिक्र के, उभारे नहीं मनमें... हम कभी कोई मसला।
हाँ...
पर तेरे यकीन से, नहीं रख सकते… कभी कोई फासला;
हो सकता है, तेरे नखरों से… होंगे नशे में कई दिवाने चूर!
पर सिवाए तेरे फिक्र के, उभारे नहीं मनमें... हम कभी कोई मसला।
हाँ...