...

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Ishq ruh se....
मेरा ना होकर भी वह मेरा सा है
वो मुस्कुराए तो मुस्कुराओ मैं भी
बस इश्क इतना सा है

उसे पाने की चाहत नहीं, सबर सा है
वो मेरी रूह में बसा है ,
बस इश्क इतना सा है

वो मेरे लिए मेरे जीवन का स्कुन सा है
मेरी हर सोच में वो है ,
बस इश्क इतना सा है

भले वो बेखबर है मेरी चाहत से
फिर भी चाहूंगी ताउम्र उसे,
बस इश्क इतना सा है

मेरे ख्वाबों की तामीर है वह
मेरे जिस्म की रूह है वह,
बस इश्क इतना सा है
© lovely❤️