प्यार क्या है??
किसी ने कहा प्यार एक धोखा है,
कभी तुम्हारे लिए यह एक मौका था,
प्यार के मैदान में, तुमने भी खूब लगाया चौका था ।
मस्ती के समुद्र में तुमने भी खूब चलाया अपना नौका था,
अब कहते हो, प्यार एक धोखा है।
अरे तुमने प्यार कहां, व्यापार किया था,
एक बार नहीं, हजार बार क्या था।
प्यार करने से तुम्हें, मना किसने किया है?
बहुत अनजान लड़कियों को गिफ्ट तो दिया है,
परंतु कभी अपने मां-बाप का फिक्र किया है,
एक पल के प्यार के लिए खुद को कुर्बान करने चले,
कभी उनके प्यार का जिक्र किया है, जिनके गोद में तुम पले।
अपने लुक के पीछे तो खूब समय दिया है,
लड़कियों का पीछा भी खूब किया है,
तुम्हारे घर में भी लड़कियां हैं,
इस बात का कभी फिक्र किया है।
प्यार जिस्म से की थी,अपने जिद से की थी, अरे यह तो याद कर लिया होता,
प्यार तुमने दिवाली और ईद में भी की थी।
फर्क तो तुमने बस इतना समझा,
ईद में परिवार के थे और सड़कों पर सरकार के थे।
माना सड़कों पर तुम्हारी बहन नहीं है वो,
अरे यार , उसे लाईन नहीं इज्जत दो,
क्योंकि किसी की मां बहन है वो।
चलो यह भी मान लिया, तुम्हारे किसी के नहीं बन सकते हो भाई,
मत भूलना लना कि तुम हर किसी के घर के नहीं बन सकते हो जमाई।
तुम ही हो ना वो, जो कहते थे,
भाड़ में जाए दुनिया,हमें मस्ती करने दो,
रोको मत, हमें भी प्यार में पड़ने दो,
कांड करने दो, अभी जवानी है,
दिमाग में राम नहीं, लैला मजनू की कहानी है।
लड़कियों को क्या देखा,
हाय मैंने तुम्हें दिल दे दिया।
दिल तो तुझ में एक ही है,
फिर सैकड़ों लड़कियों को देने का काम कैसे किया।
खुद को क्यों इस नर्क में धकेल देते हो,
क्यों किसी के जिस जिस्म से खेलते हो।
क्या मिलेगा, क्यों तुम ऐसा करते हो,
ऐसा करने से पहले, क्यों नहीं तुम मरते हो।
तुम लोगों को मौत क्यों नहीं गले लगाती है,
शायद मौत को भी तुमसे घृणा आती है।
हमें लगता है शायद,
यह एड्स नामक रोग यूं नहीं आई,
भगवान ने खासकर तुम कुत्तों के लिए ही बनाई।
वादा तो करते हो चांद लाने की,
ख्वाब तो दिखाते हो ,ताजमहल बनाने की।
कभी सोचा है, मां ने कितनी कष्ट किया तुम्हें जमाने में लाने में,
कभी दिलचस्पी दिखाए हो, मां के सपने सजाने में।
प्यार में तुम कबीर सिंह बन जाते हो,
सब कुछ खोकर भी बहुत कुछ पाते हो।
पर तुम यह क्यों भूल जाते हो,
तुम उसके तो नहीं हो तो पर टॉपर,
तुम तो हो सड़क छाप लोफर।
अरे प्यार धोखा नहीं, पैगाम है,
हमारे नजरिया का अंजाम है,
हमारी सोच का परिणाम है।
कभी तुम्हारे लिए यह एक मौका था,
प्यार के मैदान में, तुमने भी खूब लगाया चौका था ।
मस्ती के समुद्र में तुमने भी खूब चलाया अपना नौका था,
अब कहते हो, प्यार एक धोखा है।
अरे तुमने प्यार कहां, व्यापार किया था,
एक बार नहीं, हजार बार क्या था।
प्यार करने से तुम्हें, मना किसने किया है?
बहुत अनजान लड़कियों को गिफ्ट तो दिया है,
परंतु कभी अपने मां-बाप का फिक्र किया है,
एक पल के प्यार के लिए खुद को कुर्बान करने चले,
कभी उनके प्यार का जिक्र किया है, जिनके गोद में तुम पले।
अपने लुक के पीछे तो खूब समय दिया है,
लड़कियों का पीछा भी खूब किया है,
तुम्हारे घर में भी लड़कियां हैं,
इस बात का कभी फिक्र किया है।
प्यार जिस्म से की थी,अपने जिद से की थी, अरे यह तो याद कर लिया होता,
प्यार तुमने दिवाली और ईद में भी की थी।
फर्क तो तुमने बस इतना समझा,
ईद में परिवार के थे और सड़कों पर सरकार के थे।
माना सड़कों पर तुम्हारी बहन नहीं है वो,
अरे यार , उसे लाईन नहीं इज्जत दो,
क्योंकि किसी की मां बहन है वो।
चलो यह भी मान लिया, तुम्हारे किसी के नहीं बन सकते हो भाई,
मत भूलना लना कि तुम हर किसी के घर के नहीं बन सकते हो जमाई।
तुम ही हो ना वो, जो कहते थे,
भाड़ में जाए दुनिया,हमें मस्ती करने दो,
रोको मत, हमें भी प्यार में पड़ने दो,
कांड करने दो, अभी जवानी है,
दिमाग में राम नहीं, लैला मजनू की कहानी है।
लड़कियों को क्या देखा,
हाय मैंने तुम्हें दिल दे दिया।
दिल तो तुझ में एक ही है,
फिर सैकड़ों लड़कियों को देने का काम कैसे किया।
खुद को क्यों इस नर्क में धकेल देते हो,
क्यों किसी के जिस जिस्म से खेलते हो।
क्या मिलेगा, क्यों तुम ऐसा करते हो,
ऐसा करने से पहले, क्यों नहीं तुम मरते हो।
तुम लोगों को मौत क्यों नहीं गले लगाती है,
शायद मौत को भी तुमसे घृणा आती है।
हमें लगता है शायद,
यह एड्स नामक रोग यूं नहीं आई,
भगवान ने खासकर तुम कुत्तों के लिए ही बनाई।
वादा तो करते हो चांद लाने की,
ख्वाब तो दिखाते हो ,ताजमहल बनाने की।
कभी सोचा है, मां ने कितनी कष्ट किया तुम्हें जमाने में लाने में,
कभी दिलचस्पी दिखाए हो, मां के सपने सजाने में।
प्यार में तुम कबीर सिंह बन जाते हो,
सब कुछ खोकर भी बहुत कुछ पाते हो।
पर तुम यह क्यों भूल जाते हो,
तुम उसके तो नहीं हो तो पर टॉपर,
तुम तो हो सड़क छाप लोफर।
अरे प्यार धोखा नहीं, पैगाम है,
हमारे नजरिया का अंजाम है,
हमारी सोच का परिणाम है।