...

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" बदल गई दुनिया "
देखते ही देखते काफ़ी बदल गई दुनिया
कुछ कुछ बिगड़ी कुछ सुधर गई, दुनिया ।
रहन सहन बदला ,खान पान भी बदला
रूढ़ियों से निजात पर ना पा पाई , दुनिया।
आविष्कार नये नये ईज़ाद कर डाले दुनिया ने
इंसानियत में लेकिन पिछड़ती गई, दुनिया ।
रंगते जा रहे है सब पश्चिमी चाल ढ़ाल में
संस्कृती अपने देशों की भुलाती गई , दुनिया ।
बड़ी बड़ी कोठियां हैं औ'बड़ी बड़ी सी कारें
छोटे छोटे दायरों में पर सिमटती गई, दुनिया ।
पैसा बढ़ता गया दिल पर छोटा होता चला गया
परिवार को सर्वोपरि समझने लग गई , दुनिया ।
सच्चा प्यार सच्चे वादे शायद कोई अब करता
मतलब बस अपना निकालने लग गई , दुनिया ।
रिश्ते नातों की नित घटती चली गई अहमियत
खाना पूर्ती ही अब बस करने लग गई , दुनिया ।
शानों-शौकत पर कर देते...