बहुत कुछ बाकी अभी जिंदगी में।
जिंदगी से थक कर खामोश मैं हो जाती हूं
कभी -कभी एक अंधेरी दुनिया में ..मैं खो जाती हूं।
ना कोई साथी नजर आता है, ना कोई जीने की वजह मेरी
लगता है जैसे बस मौत ही अब अपनी मेरी!!
पर फिर एक आवाज कहीं से...
कभी -कभी एक अंधेरी दुनिया में ..मैं खो जाती हूं।
ना कोई साथी नजर आता है, ना कोई जीने की वजह मेरी
लगता है जैसे बस मौत ही अब अपनी मेरी!!
पर फिर एक आवाज कहीं से...