...

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रिश्ते
पुरुष कौन सा कम है
दिल है उसके पास भी
जिगर साथ में
वो भी तो महक उठता है
स्त्री के प्रेम में
खिल उठता है उसकी यादों में
मंद मंद मुस्काता है
सब समझता है
स्त्री क्या चाहती है
उसकी खुशी के लिए
ही तो उसे बार बार छेरता है
मानो हर बार चिढ़ा रहा हो
प्रेम है मीरा करे तो दीवानी
कृष्ण जो मन में प्रेम जगाए
रोना सिखाए,गाना सिखाए
समर्पण सिखाए उसे कुछ न कहेंगे
सच तो यह
प्रेम करती स्त्री है
निभाता हर बार पुरुष है
# अमृता
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