...

30 views

क्यो है ??????
चेहरों की इतनी फ़िक्र क्यो है,
रंगों की इतनी क़द्र क्यो है ?

हुस्न अस्ल किरदार का है,
गोरा काले से बेहतर क्यो है ?

हसरत को कैसे समझाऊँ,
इतनी छोटी चादर क्योहै ?

नीयत का दोष ही सारा है,
तो फ़िर बदनाम नज़र क्यो है ?

ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,

जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,

ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,

आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।
© amy_s