दिल की रूह❤✍
दिल की रूह में मेरी एक दुनिया बस्ती है,
कहती कुछ नहीं, बस परछाई सी साथ चलती है।
अंधेरों में उजालों सी चमकती है,
आसमां में सितारों सी टिमटिमाती है,
मंद मुस्कान सी दिल को सुकून देती है,
जलते सपनों को फिर उड़ने का हौसला भी कस्ती है...!!
दिल की रूह में मेरी एक दुनिया बस्ती है,
कहती कुछ नहीं, बस परछाई सी साथ चलती है।
समुंदर में किनारों से मिलाती है,
माँ-बाप-सी राह दिखाती है,
बिछड़ों को जैसे अपनों से मिलती...
कहती कुछ नहीं, बस परछाई सी साथ चलती है।
अंधेरों में उजालों सी चमकती है,
आसमां में सितारों सी टिमटिमाती है,
मंद मुस्कान सी दिल को सुकून देती है,
जलते सपनों को फिर उड़ने का हौसला भी कस्ती है...!!
दिल की रूह में मेरी एक दुनिया बस्ती है,
कहती कुछ नहीं, बस परछाई सी साथ चलती है।
समुंदर में किनारों से मिलाती है,
माँ-बाप-सी राह दिखाती है,
बिछड़ों को जैसे अपनों से मिलती...