...

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आदर्श दोहे
कोयल बोले बाग मै,कुहू कुहू के बोल
जीवन एक आनंद है,इसमे अमृत घोल

जीवन के दिन चार है,खुशियों से भर डार
नही किसी से बैर रख,हरि से करले प्यार

बन मत पेड़ खजूर सम,बड़े बोलना बोल
बन बरगद की छॉय सा,रसना मे रस घोल

प्रभु सुमिरन से दुख कटे,सुख पावें दिन रेन
जो कुछ तेरे पास है ,प्रभु राम की देन

स्वरचित दोहे राजा आदर्श गर्ग