Me Har Bat Likh Dunga ....
मैं हर बात लिख दूँगा
तुझसे एक मुलाकात लिख दूँगा
मैं जो था मसरूफ कामो में
तो खिलाया था तुनें अपने हाथों से
मुझे याद है मैं बैठा था
तेरी उंगलिओं ने मेरे बालों को छुआ था
तु रोईं थी तुझे मनाया था
फिर तुने हस के वो समोसा भी खाया था
मुझे पता है जब मैं तुझसे बिछडा था
आंख नम और तेरा दिल भी रोया था
मैं हर एक वह पल लिख दूँगा
जो तेरे साथ गुज़ारा हर लमहा लिख दूँगा .............
तुझसे एक मुलाकात लिख दूँगा
मैं जो था मसरूफ कामो में
तो खिलाया था तुनें अपने हाथों से
मुझे याद है मैं बैठा था
तेरी उंगलिओं ने मेरे बालों को छुआ था
तु रोईं थी तुझे मनाया था
फिर तुने हस के वो समोसा भी खाया था
मुझे पता है जब मैं तुझसे बिछडा था
आंख नम और तेरा दिल भी रोया था
मैं हर एक वह पल लिख दूँगा
जो तेरे साथ गुज़ारा हर लमहा लिख दूँगा .............
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