रक्त शिराएँ…
रक्त शिराएँ…
उस रात
जब मैं…
मय के नशे में चूर था
और कर रहा था बातें
अपने दोस्त से
उसी के बार में …
याद है
अचानक से तुम आईं थीं और
बैठ गई थी
मेरे बहुत क़रीब
इतना क़रीब
की मैं…महसूस कर पा रहा था
तुम्हारी साँसों की आवाज़
और तुम्हारे तेज...
उस रात
जब मैं…
मय के नशे में चूर था
और कर रहा था बातें
अपने दोस्त से
उसी के बार में …
याद है
अचानक से तुम आईं थीं और
बैठ गई थी
मेरे बहुत क़रीब
इतना क़रीब
की मैं…महसूस कर पा रहा था
तुम्हारी साँसों की आवाज़
और तुम्हारे तेज...