बंजारा मन ♥️
दूर फिरंगी बन घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है, ढूंढ रहा कोई;
पल पल तपती ज्वाला में भी ,
वीराने में भी झूम रहा कोई ।
हर पल , हर लम्हा सोच रहा कोई
गलती क्या थी , जो रूठ गया तू भी
मन के हर कोने कोने में ,
खोयी खुशियां खोज रहा कोई ।
© Saumya singh