जिंदगी के मोड़
प्रेम के अंकुर से
शादी के मंडप तक का
सफर अगर लगा हो
बड़ा ही घटनाओं से भरा
संभलिए
ये तो बस एक शुरूआत भर थी
मंजिल नहीं
ये प्रवेश द्वार है जहां
चावल से भरे कलश को
पैरों से ठोकर मार कर
चावल बिखरा कर
शुरू होती है ठोकर खाने की
बिखरने समेटने और...
शादी के मंडप तक का
सफर अगर लगा हो
बड़ा ही घटनाओं से भरा
संभलिए
ये तो बस एक शुरूआत भर थी
मंजिल नहीं
ये प्रवेश द्वार है जहां
चावल से भरे कलश को
पैरों से ठोकर मार कर
चावल बिखरा कर
शुरू होती है ठोकर खाने की
बिखरने समेटने और...