सबक सिखाती है ज़िंदगी
#रहने-दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
खुद जब गिरें तो लगी ठोकर; समझ के गिरने दिया।
ठगा जब गैरों ने; मिली सबक समझ के ठगने दिया
जो मिला नही उसे किस्मत का लिखा समझ के जाने दिया।।
अब समझ आया की दुनिया इतनी भी भली नहीं जितना हमने समझा
ये गिरने पर हाथ नही देती।
गर कुछ करना है तो
जब गिरें तो खुद ही सम्भलना भी होगा
और सम्भल कर आगे बढ़ना भी होगा।।
© Aayushi Shandilya
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
खुद जब गिरें तो लगी ठोकर; समझ के गिरने दिया।
ठगा जब गैरों ने; मिली सबक समझ के ठगने दिया
जो मिला नही उसे किस्मत का लिखा समझ के जाने दिया।।
अब समझ आया की दुनिया इतनी भी भली नहीं जितना हमने समझा
ये गिरने पर हाथ नही देती।
गर कुछ करना है तो
जब गिरें तो खुद ही सम्भलना भी होगा
और सम्भल कर आगे बढ़ना भी होगा।।
© Aayushi Shandilya