मौसम
नए मौसमों की कहानियाँ,
आओ आज तुम्हें सुनाते हैं,
उन घास पर पड़ी ओस की बूंदों से,
तुम्हें रूबरू कराते हैं,
उन फसलों के बीच बहती हवाओं से, तुम्हारी गुफ्तगू कराते...
आओ आज तुम्हें सुनाते हैं,
उन घास पर पड़ी ओस की बूंदों से,
तुम्हें रूबरू कराते हैं,
उन फसलों के बीच बहती हवाओं से, तुम्हारी गुफ्तगू कराते...