किंवदन्ती
मैंने सुना है उसे किवाड़ के पीछे से खटखटाते हुए,
कभी धीरे-धीरे तो कभी ज़ोर-ज़ोर से।
कभी बातें बनाते हुए तो कभी ख़ुद बातें बनते हुए।
कभी कहानियों की चादर में लिपटी कथा होती है ...
कभी धीरे-धीरे तो कभी ज़ोर-ज़ोर से।
कभी बातें बनाते हुए तो कभी ख़ुद बातें बनते हुए।
कभी कहानियों की चादर में लिपटी कथा होती है ...