जय शिव
जगत गुरु हो कर भी,
जो जिए जीवन सरल |
नीलकंठ भोले शंकर,
कंठ में लिए अनंत गरल |
सहन ना कर सकी वसुधा जिसे,
जटावहन कर सिर मौर्य सजाया |
अति प्रबल वेग थाम गंगा का,
धरा को अमृतपान कराया ||
© shweta Singh
जो जिए जीवन सरल |
नीलकंठ भोले शंकर,
कंठ में लिए अनंत गरल |
सहन ना कर सकी वसुधा जिसे,
जटावहन कर सिर मौर्य सजाया |
अति प्रबल वेग थाम गंगा का,
धरा को अमृतपान कराया ||
© shweta Singh