मेरी सोच में हो शामिल
मेरी सीच में हो शामिल
मुझे कितना जानते हो
मेरे मन की गांठे खोल के
मुझे पढ़ना जानते हो
मैं समझ में आई तेरे
मुझे लिखना जानते हो
मैं हूँ ज़िन्दगी तुम्हारी
मुझे कहना जानते हो
एक यकीन मेरा तुम पे
मुझे देना जानते हो ।
मेरी रूह में उतर के
मुझे जीना जानते हो,,
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
© All Rights Reserved
मुझे कितना जानते हो
मेरे मन की गांठे खोल के
मुझे पढ़ना जानते हो
मैं समझ में आई तेरे
मुझे लिखना जानते हो
मैं हूँ ज़िन्दगी तुम्हारी
मुझे कहना जानते हो
एक यकीन मेरा तुम पे
मुझे देना जानते हो ।
मेरी रूह में उतर के
मुझे जीना जानते हो,,
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
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