...

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ना जाने क्यों
घर में सांसें क़ैद
ना जाने क्यों
उड़ूं तेरे संग फ़िक्र
ना जाने क्यों
चांदनी रात सो गई
ना जाने क्यों
चांद क्यों ख़फ़ा हो
ना जाने क्यों
आसमां खुला है जमीं सीमाएं
ना जाने क्यों
घर है दरवाजे पे अकेली
ना जाने क्यों
आईने अकेले हैं जिंदगी ऐसी
ना जाने क्यों बस
हम चलें आएंगे एक दिन
बिन तेरे सांसें ख़फ़ा हैं
ना जाने क्यों