...

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घड़ी
#जमीहुईघड़ी
ये जो माथे की शिकन है न
एक पिता के संघर्षो भरी
जीवन की कहती एक कहानी है
जो आजकल के बच्चे अपने
सपने पूरे करके ये भूल जाते हैं
की जिन्होंने अपने कितने
सपनों की तिलांजलि देकर
तुम्हारे सपनों को पूरा करने
के लिए अपने माथे के
शिकन को देख नही पाते हैं
तुम्हारी खुशियों के खातिर
सुकून