चाहत
टूट गई हूं फिर से जुड़ना चाहती हूं
चुप हो गई फिर से बोलना चाहती हूं
गुम सी गई कंही फिर से खिलखिलाना चाहती हूं।
अपने होते हैं इस नाम से डर लगने लगा है
फिर से किसी को अपना कहना चाहती हूं
उन अच्छी यादों को वापिस जीना चाहती हूं।
कितनी खुश...
चुप हो गई फिर से बोलना चाहती हूं
गुम सी गई कंही फिर से खिलखिलाना चाहती हूं।
अपने होते हैं इस नाम से डर लगने लगा है
फिर से किसी को अपना कहना चाहती हूं
उन अच्छी यादों को वापिस जीना चाहती हूं।
कितनी खुश...