मोहब्बत मेरी तुम्हारी ....❤️
बिन सोचे उंगली उठाते हो , तुम मुझे जानते कहां हो ,
जितना मानती हूं मैं तुम्हें , तुम उतना मानते कहां हो ।
तुम्हें खबर चाहिए हर पल की, मैं यादों में खोई रहती हूं,
तुम्हें भरोसा शब्दों पर, मैं एहसासों में यकीन रखती हूं।
मुझे विश्वास तुम पर है,और तुम सवाल उठाया करते हो,
शक की मुझपे नजरें रखकर मेरा ख्याल बताया करते हो।...
जितना मानती हूं मैं तुम्हें , तुम उतना मानते कहां हो ।
तुम्हें खबर चाहिए हर पल की, मैं यादों में खोई रहती हूं,
तुम्हें भरोसा शब्दों पर, मैं एहसासों में यकीन रखती हूं।
मुझे विश्वास तुम पर है,और तुम सवाल उठाया करते हो,
शक की मुझपे नजरें रखकर मेरा ख्याल बताया करते हो।...