आजकल का प्यार
#WritcoPoemPrompt7
आजकल प्यार, मां के आंचल से घिसकर,लड़की के चुनरी के पीछे देखने को मिलती हैं,
यहां तो सब कृष्ण बने फिरते हैं, बस राम की कमी खलती है।
गजब की फिदरत हैं जमाने की, कृष्ण जी के नाम पर रास रचाते है,
जबकि वो इश्क़ नहीं,अपने अगले- पिछले जन्मों के वादों को निभाते है,
और आजकल लोग प्यार में मां बाप को...
आजकल प्यार, मां के आंचल से घिसकर,लड़की के चुनरी के पीछे देखने को मिलती हैं,
यहां तो सब कृष्ण बने फिरते हैं, बस राम की कमी खलती है।
गजब की फिदरत हैं जमाने की, कृष्ण जी के नाम पर रास रचाते है,
जबकि वो इश्क़ नहीं,अपने अगले- पिछले जन्मों के वादों को निभाते है,
और आजकल लोग प्यार में मां बाप को...