दोष
रात को मैं न सो पाया जो सपनो में तुम आई थी
साफ झलक रहे थे दर्द मेरे उसमे भी तेरी बेवफ़ाई थी
चूड़ी कंगना पायल बिंदिया तेरे आखों के काजल ने तो कहा ही होगा
इक सनम इंतजार कर रहा है तेरा उसे रात को भी नींद न आई होगी
वो चैन से उधर कही सोई होगी मैं कहर कहर कर जग उठा
मै सोच सोच कर सो न पाया उसके आखों की जो गहराई थी
गले लिपटकर वो कुछ कह रही थी गैरों के कंधे पर सर रखकर
उसी रकीब के चक्कर में मेरी उससे हुई लड़ाई थी
रात को मैं न सो पाया जो सपनो में तुम आई थी
साफ झलक रहे थे दर्द मेरे उसमे भी तेरी बेवफ़ाई थी
© _Ankaj Rajbhar 🥺
साफ झलक रहे थे दर्द मेरे उसमे भी तेरी बेवफ़ाई थी
चूड़ी कंगना पायल बिंदिया तेरे आखों के काजल ने तो कहा ही होगा
इक सनम इंतजार कर रहा है तेरा उसे रात को भी नींद न आई होगी
वो चैन से उधर कही सोई होगी मैं कहर कहर कर जग उठा
मै सोच सोच कर सो न पाया उसके आखों की जो गहराई थी
गले लिपटकर वो कुछ कह रही थी गैरों के कंधे पर सर रखकर
उसी रकीब के चक्कर में मेरी उससे हुई लड़ाई थी
रात को मैं न सो पाया जो सपनो में तुम आई थी
साफ झलक रहे थे दर्द मेरे उसमे भी तेरी बेवफ़ाई थी
© _Ankaj Rajbhar 🥺