यूंही वो यार नहीं कहलाते!
कभी समझाया हैं
तो कभी समझते हैं
कुछ अनकही बातें
आंखों से पढ़ लेते हैं
वो यार हैं ज़िंदगी में
जो साथ खड़े रहते हैं
संभालते भी हैं
और हंसा...
तो कभी समझते हैं
कुछ अनकही बातें
आंखों से पढ़ लेते हैं
वो यार हैं ज़िंदगी में
जो साथ खड़े रहते हैं
संभालते भी हैं
और हंसा...