तुम्हीं बताओं, कैसे बताऊ !!
सादगी को शब्दों से सजाऊँ
मासूमियत की झलक दिखाऊ
या करू तारीफ़ खूबसूरती की
तुम्हीं बताओं , कैसे बताऊँ
पहचान तुम्हारी कैसे कराऊँ !!
कहो तो बता दूँ लटों में उलझी नादानीयां
या कह दूँ तुम्हारी चंचल सी शैतानियाॅ
मुस्कराहट की या फिर किस्से सुनाऊँ
तुम्हीं बताओं , कैसे बताऊँ
पहचान तुम्हारी कैसे कराऊँ !!
राज बता दूँ खुशबु की रानी हो तुम
ख़ुदा की पाक कहानी हो तुम
या फिर दिल की दास्ताँ सुनाऊँ
तुम्हीं बताओं , कैसे बताऊँ
पहचान तुम्हारी कैसे कराऊँ !!
© e_poetry0
मासूमियत की झलक दिखाऊ
या करू तारीफ़ खूबसूरती की
तुम्हीं बताओं , कैसे बताऊँ
पहचान तुम्हारी कैसे कराऊँ !!
कहो तो बता दूँ लटों में उलझी नादानीयां
या कह दूँ तुम्हारी चंचल सी शैतानियाॅ
मुस्कराहट की या फिर किस्से सुनाऊँ
तुम्हीं बताओं , कैसे बताऊँ
पहचान तुम्हारी कैसे कराऊँ !!
राज बता दूँ खुशबु की रानी हो तुम
ख़ुदा की पाक कहानी हो तुम
या फिर दिल की दास्ताँ सुनाऊँ
तुम्हीं बताओं , कैसे बताऊँ
पहचान तुम्हारी कैसे कराऊँ !!
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