तन्हा रातों में
तन्हा रातों में,
मैंने खुदको अब् थाम लिया
कभी रो के हसलिया
तो कभी हसके रो दिया
अंधेरे...
मैंने खुदको अब् थाम लिया
कभी रो के हसलिया
तो कभी हसके रो दिया
अंधेरे...